May 20, 2024

बालिका निकेतन से पांच बच्चियों के गायब होने के पीछे की वजह पता चल गई है। सोमवार को बालिका निकेतन शिशु सदन पहुंची बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी ने पूछताछ की तो बच्चियों ने यहां हो रहे उत्पीड़न की पोल खोल दी। उनकी दास्तां इतनी पीड़ादायक थी कि शारदा की आंखों में आंसू आ गए। शारदा त्रिपाठी के मुताबिक बच्चियों ने बताया कि निकेतन में उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। हर बात पर डांट पड़ती है। गलत इल्जाम लगाए जाते हैं, प्यार से कोई बात नहीं करता। अधीक्षका मीना सिंह के व्यवहार को लेकर भी बच्चियों ने शिकायत की। बच्चियों ने बताया कि कुछ दिन पहले निकेतन की एक महिला कर्मचारी की आलमारी से सामान चोरी हुआ। जिसके बाद महिला इन पांचों बच्चियों पर चोरी का इल्जाम लगाते हुए परेशान करने लगी। इससे आहत होकर बच्चियों ने यहां से फरार होने का निर्णय लिया था।
रात के समय महिला कर्मचारी किचन में खाना बना रही थी, यहीं उसने मेन गेट का चाबी रखी हुई थी। जिसपर एक बच्ची की नजर पड़ी। बच्ची ने वहां से चाबी उठाकर मेन गेट का ताला खोला और एक-एक कर पांचों बच्चियां यहां से फरार हो गई। निरीक्षण के बाद बाल संरक्षक आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी ने बताया कि कई लोग दान में कपड़े, चप्पल, खाने-पीने आदि सामान देकर जाते हैं। लेकिन यह सामान यहां के बच्चियों को नहीं मिलता है। गलती से कोई बच्ची कोई सामान मांग ले तो उसको डांट पड़ती है। उन्होंने बताया कि एक बच्ची ने शिकायत की एक दिन उसने दान में मिले चप्पल पहन लिया तो केयर टेकर ने उसकी डांट लगाते हुए चप्पल उतरवा लिया था। सरकार शिशु व बच्चियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तीन दिव्यांग महिलाओं के हाथ में दी गई है।
शारदा त्रिपाठी ने बाल कल्याण समिति की जांच रिपोर्ट के हवाले से बताया कि एक महिला कर्मचारी नेत्रहीन और मानसिक रूप से दिव्यांग है। जबकि दूसरी मूकबधिर और तीसरी पोलियों से ग्रस्त है। ऐसे में यह दूसरों की देखभाल कैसे करेंगी, यह समझ से परे है। यहां का सीसीटीवी कैमरा भी बंद पड़ा है। सदस्य ने भी रविवार को यहां निरीक्षण कर थाना नेहरू कालोनी को शिकायती पत्र सौंपते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है। परिसर में सोमवार को शराब की खाली बोतल और केन भी मिलीं। सोमवार को आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी पहुंची तो बाउंड्री के अंदर मैदान में शराब की एक खाली बोतल और बियर की दो केन पड़ी थीं। शारदा त्रिपाठी का कहना है कि बालिका निकेतन के जो हालात हैं, उसमें कुछ भी संभव है। स्टाफ तो लापरवाह है ही, चौकीदारी भी लचर है। इस बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट ने बताया कि परिसर में शराब की बोतलें मिलने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बच्चियों के जो आरोप हैं, उनकी जांच की जाएगी।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने समाज कल्याण विभाग से मामले की जांच रिपोर्ट 10 दिन में देने को कहा है। आयोग के अनुसचिव डॉ. शक्ति प्रसाद सेमवाल ने अप मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह को पत्र लिखकर कहा कि पूर्व में भी लापरवाही सामने आ चुकी है। इन पर रोक के लिए आयोग दिशा निर्देश दे चुका है, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। इस पर आयोग के अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त की है। वहीं सीओ डालनवाला जया बलुनी ने भी बाल निकेतन में कर्मचारियों से पूछताछ की।