May 20, 2024

विवादों से घिरी संजय लीला भंसाली की फिल्म “पद्मावत ” पर राजस्थान सहित अन्य राज्यों में लगाए गए बैन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए जाने के बाद राजपूत समाज उग्र हो गया है, लोग सड़कों पर उतर आए हैं। एक ओर जहां राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वहीं राजपूत समाज ने कहा कि यदि फिल्म रिलीज हुई तो महा संग्राम होगा,जौहर की ज्वाला में बहुत कुछ जलेगा। राजपूत समाज ने शुक्रवार से चित्तोडगढ़ फोर्ट बंद करने की घोषणा करते हुए कहा कि फिल्म रिलीज होने से एक दिन पूर्व 24 जनवरी को राजपूत महिलाएं जौहर करेंगी। ये महिलाएं उसी स्थान पर जौहर करेंगी, जहां रानी पद्मनी ने 16 हजार रानियों और दासियों के साथ जौहर किया था। शूटिंग के समय से ही फिल्म का विरोध कर रही राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि जौहर के लिए अब तक 1800 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, करीब पांच हजार महिलाएं एक साथ जौहर करेंगी। उन्होंने बताया कि इसी दिन राजपूत समाज के लोग भी केसरिया साफा बांधकर तलवार लहाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का अंदेशा है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की शह पर ही याचिका दायर करवाई गई और फिर दूसरे ही दिन फिल्म पर बैन हटाने का फैसला भी आ गया। वहीं राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गागामेड़ी ने “दैनिक जागरण” को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को डबल बैंच में चुनौती दी जाएगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति से मिलकर हस्तक्षेप की गुहार भी लगाई जाएगी । उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर देश में कहीं भी फिल्म रिलीज नहीं होंने देंगे, इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े। राजस्थान में राजपूत समाज की सबसे बड़ी संस्था राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि किसी भी हालत में प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में कहीं भी फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद चित्तोडगढ़ फोर्ट के बाहर सर्व समाज के लोग एकत्रित हुए और शुक्रवार को फोर्ट का मुख्य द्वार बंद करने का निर्णय लिया। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने पहले तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और फिर बाद में अपनी बात संभालते हुए कहा कि आदेश की कॉपी मिलते ही विधि विभाग की राय लेंगे।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराई जाएगी। फिल्म “पद्मावत ” को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद राजस्थान के विभिन्न जिलों में राजपूत समाज के लोगों की बढ़ी गतिविधियों की सूचना मिलते ही राज्य सरकार सक्रिय हो गई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया,पुलिस महानिदेशक ओ.पी.गहलोत्रा और मुख्य सचिव एन.सी.गोयल से बात की। वहीं गृहमंत्री ने पुलिस महानिदेशक और विधि सचिव के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था कायम रखने को लेकर रणनीति तय की है। चित्तोडगढ़,उदयपुर सहित आधा दर्जन जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। राजपूत समाज के लोगों ने गुरूवार को कई स्थानों पर प्रदर्शन किया,जिन्हे पुलिस ने शांत कराया। विवादों से घिरी संजय लीला भंसाली की फिल्म “पद्मावत ” पर राजस्थान सहित अन्य राज्यों में लगाए गए बैन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए जाने के बाद राजपूत समाज उग्र हो गया है, लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
एक ओर जहां राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वहीं राजपूत समाज ने कहा कि यदि फिल्म रिलीज हुई तो महा संग्राम होगा,जौहर की ज्वाला में बहुत कुछ जलेगा । राजपूत समाज ने शुक्रवार से चित्तोडगढ़ फोर्ट बंद करने की घोषणा करते हुए कहा कि फिल्म रिलीज होने से एक दिन पूर्व 24 जनवरी को राजपूत महिलाएं जौहर करेंगी। ये महिलाएं उसी स्थान पर जौहर करेंगी, जहां रानी पद्मनी ने 16 हजार रानियों और दासियों के साथ जौहर किया था। शूटिंग के समय से ही फिल्म का विरोध कर रही राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि जौहर के लिए अब तक 1800 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, करीब पांच हजार महिलाएं एक साथ जौहर करेंगी। उन्होंने बताया कि इसी दिन राजपूत समाज के लोग भी केसरिया साफा बांधकर तलवार लहाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का अंदेशा है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की शह पर ही याचिका दायर करवाई गई और फिर दूसरे ही दिन फिल्म पर बैन हटाने का फैसला भी आ गया। वहीं राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गागामेड़ी ने “दैनिक जागरण” को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को डबल बैंच में चुनौती दी जाएगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति से मिलकर हस्तक्षेप की गुहार भी लगाई जाएगी । उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर देश में कहीं भी फिल्म रिलीज नहीं होंने देंगे, इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े। राजस्थान में राजपूत समाज की सबसे बड़ी संस्था राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि किसी भी हालत में प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में कहीं भी फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद चित्तोडगढ़ फोर्ट के बाहर सर्व समाज के लोग एकत्रित हुए और शुक्रवार को फोर्ट का मुख्य द्वार बंद करने का निर्णय लिया। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने पहले तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और फिर बाद में अपनी बात संभालते हुए कहा कि आदेश की कॉपी मिलते ही विधि विभाग की राय लेंगे।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराई जाएगी। फिल्म “पद्मावत ” को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद राजस्थान के विभिन्न जिलों में राजपूत समाज के लोगों की बढ़ी गतिविधियों की सूचना मिलते ही राज्य सरकार सक्रिय हो गई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया,पुलिस महानिदेशक ओ.पी.गहलोत्रा और मुख्य सचिव एन.सी.गोयल से बात की । वहीं गृहमंत्री ने पुलिस महानिदेशक और विधि सचिव के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था कायम रखने को लेकर रणनीति तय की है। चित्तोडगढ़,उदयपुर सहित आधा दर्जन जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। राजपूत समाज के लोगों ने गुरूवार को कई स्थानों पर प्रदर्शन किया,जिन्हे पुलिस ने शांत कराया।
फिल्म पदमावत रिलीज मामले में राजस्थान सहित चार राज्यों की सरकार को आज सुप्रीम कोर्ट ने करारा झटका दिया। इन चारों राज्यों की सरकारों ने अधिसूचना जारी कर अपने-अपने राज्यों में ‘पदमावत’ को बैन किया था। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर चार राज्यों में बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने निर्माताओं की ओर से पक्ष रखा। साल्वे ने कहा, सेंसर बोर्ड की ओर से पूरे देश में फि़ल्म के प्रदर्शन के लिए सर्टिफिकेट मिला है। साल्वे ने चार राज्यों के प्रतिबंध को असंवैधानिक करार दिया। सोमवार को याचिका पर फिर सुनवाई होगी।इस बीच गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया और राजपूत करणी सेना की ओर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि अभी हमें मीडिया के माध्यम से ये खबर मिली है, पहले फैसले को देखेंगे, फिर इसमें विधिक राय ली जायेगी। सरकार हमेशा से ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए आई है। शीर्ष अदालत के अंतरिम आदेश को श्री राजपूत करणी सेना ने सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ में चुनौती देने का मन बनाया है। करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने एक वीडियो सन्देश जारी करते हुए कहा है कि आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी जायेगी। इस मामले पर राष्ट्रपति तक से मिलकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई जायेगी। फिल्म रिलीज़ राजपूत समाज की आन-बान-शान के साथ ही भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है, इसे किसी भी कीमत पर रिलीज़ नहीं होने दिया जाएगा। गोगामेड़ी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये भी कहा कि चार सीनियर जजों ने भी कुछ दिनों पहले अदालत के काम काज को लेकर सवाल उठाये थे। अब फिल्म निर्देशक की ओर से याचिका दायर करने के अगले ही दिन आदेश दे दिया जाता है जबकि कई मामलों पर छह-छह महीने लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बनाने का मतलब ही क्या है सुप्रीम कोर्ट ही चला लेगी राज्यों को। 24 जनवरी को चित्तोड़ में हज़ारों महिलाएं जोहर करेंगी। इस फिल्म पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री से भी मिला जाएगा। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने ‘राज्यों का पाबंदी लगाना सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है। राज्यों को इस तरह का कोई हक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि लॉ एंड आर्डर की आड़ में राजनीतिक नफ़ा नुकसान का खेल हो रहा है। वायकॉम 18 ने याचिका दायर कर चार राज्यों के बैन का विरोध किया था। उम्मीद है कि प्रतिबंध लगाने वाले चार राज्य सोमवार को अपना पक्ष रखें। हरियाणा सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया था। रणवीर, दीपिका, शाहिद कपूर स्टारर ये फिल्म राजपूत समुदाय के विरोध के बाद से ही विवादों में रही। हरियाणा से पहले राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारों ने भी फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगा दिया था। रानी पद्मिनी के विवादित चित्रांकन का आरोप है। करणी सेना का कहना है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस है। वहीं घूमर गाने पर भी रजवाड़ों ने विरोध जताया गया है हालांकि निर्माताओं ने तमाम बिंदुओं पर सफाई दी। सेंसर ने भी इसे लेकर पांच अहम बदलाव सुझाए थे जिसे निर्माताओं ने पूरा कर दिया है।