May 17, 2024

राजनीतिक नियुक्तियों पर पायलट समर्थक नाराज : चेयरमैन के दावेदार कई नेता सिर्फ मेंबर बनाए गए,अब पद नहीं संभालेंगे, 2 ने पद ठुकराए

जयपुर। विधानसभा चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले की गई राजनीतिक नियुक्तियों के बाद कांग्रेस में असंतोष सामने आने लगा है। राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट समर्थक और चेयरमैन के दावेदार कई नेता मेंबर बनाए जाने से नाराज हैं। पायलट समर्थक सुशील आसोपा और राजेश चौधरी ने मेंबर का पद ठुकरा दिया है। दोनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी कर पद लेने से इनकार कर दिया है। चार से पांच नेता और नाराज हैं। माना जा रहा है कि वे भी पद नहीं संभालेंगे।
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण सदस्य करणसिंह उचियारड़ा और व्यापार कल्याण बोर्ड सदस्य ज्योति खंडेलवाल, बंजर भूमि विकास बोर्ड सदस्य पूर्व विधायक घनश्याम मेहर भी नाराज हैं। ये तीनों पद नहीं संभालेंगे। ज्योति खंडेलवाल जयपुर की पूर्व मेयर रही हैं। जयपुर शहर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। ऐसे में केवल मेंबर बनाए जाने से ज्योति खंडेलवाल नाराज हैं। फिलहाल ज्यादातर पायलट समर्थक खुलकर नहीं बोल रहे हैं। आगे असंतोष और गहरा सकता है।

सुशील आसोपा बोले-यह नियुक्ति मंजूर नहीं,पद लेने कांग्रेस में नहीं आया
बंजर भू​मि विकास बोर्ड सदस्य बनाए गए सुशील आसोपा ने रात को ही ट्वीट करके नाराजगी जाहिर की। आज आसोपा ने कहा- मुझे दी गई राजनीतिक नियुक्ति को अस्वीकार करता हूं, क्योंकि मेरी सहमति नहीं ली गई। मैं 42 महीने पहले सरकारी नौकरी छोड़कर पदों के लिए कांग्रेस में नहीं आया,जीवन भर नि:स्वार्थ सेवा करता रहूंगा।

पायलट समर्थक पूर्व विधायक घनश्याम मेहर नाराज
टोडाभीम से पूर्व विधायक रहे घनश्याम मेहर भी बंजर भूमि विकास बोर्ड में जूनियर नेता के अंडर मेंबर बनाने पर नाराज हैं। मेहर पिछली बार टोडाभीम से विधायक थे, तब कांग्रेस के केवल 21 विधायक ही जीते थे। मोदी लहर में जीतने वाले मेहर भी मेंबर पद ठुकरा सकते हैं।

कल की नियुक्तियों में करीब 20 पायलट समर्थक
कल की गई 74 राजनी​तिक नियुक्तियों में से करीब 20 सचिन पायलट समर्थकों को जगह दी है, लेकिन अध्यक्ष पद पर केवल दो ही हैं। बहुत से पायलट समर्थक नेता बोर्ड, निगमों में अध्यक्ष पद के दावेदार थे, उन्हें मेंबर बनाया गया है। केवल मेंबर बनाए जाने को ही नाराजगी का बड़ा कारण माना जा रहा है। 10 फरवरी को की गई नियुक्तियों में भी पायलट समर्थक अध्यक्ष कम थे।

बोर्ड निगमों में ये पायलट समर्थक बने मेंबर
पशुधन विकास बोर्ड सदस्य कुंदन यादव,वरिष्ठ नागरिक बोर्ड सदस्य आत्माराम गोयल, बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड सदस्य घनश्याम मेहर,गोवर्धन सिंह चौहान, सुशील आसोपा, पुनीत जांगु, एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड सदस्य प्रेम पाटीदार, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण सदस्य करणसिंह उचियारड़ा,स्पोर्ट्स काउंसिल सदस्य आजाद सिंह राठौड़, हरीश यादव, अभिमन्यू पूनियां, राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड सदस्य अजीत यादव,राजस्थान राज्य समाज कल्याण बोर्ड सदस्य चयनिका उनियाल, बीसूका समिति सदस्य राजेश चौधरी, मदरसा बोर्ड सदस्य सईद सउदी।

कई गहलोत समर्थक भी खुश नहीं, लेकिन सियासी मजबूरी से चुप
राजनीतिक नियुक्तियों में कई गहलोत समर्थक भी खुश नहीं हैं। गहलोत समर्थक खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। खादी ग्रामाद्योग बोर्ड में सदस्य बनाए गए कांग्रेस नेता अरुण कुमावत भी खुश नहीं है। कई गहलोत समर्थक केवल मेंबर बनाने पर आहत तो हैं, लेकिन सियासी मजबूरी के कारण चुप हैं।

कई नेताओं के साथ सीनियरिटी का इश्यू
पिछड़ा वर्ग वित्त् विकास आयोग के उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गुर्जर, समाज कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष बनाई गई मीनाक्षी चंद्रावत के साथ सीनियरिटी का इश्यू है। दर्शन सिंह गुर्जर और मीनाक्षी चंद्रावत विधायक रह चुके हैं लेकिन लेकिन इनके अध्यक्ष विधायक नहीं हैं। हालांकि मीनाक्षी चंद्रावत को इससे कोई दिक्कत नहीं है।

चंद्रावत ने कहा- पूरी निष्ठा से काम होगा
मीनाक्षी चंद्रावत ने नियुक्ति पर कहा- मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री ने मौका दिया है, इसके लिए आभारी हूं, जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा से निवर्हन किया जाएगा और सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिले इसके लए काम करुंगी।