May 17, 2024

बोर्ड-निगम-आयोग चेयरमैन को मंत्री दर्जा देने पर सियासत गरमाई : राजेन्द्र राठौड़ बोले-हाईकोर्ट में चुनौती देंगे, खाचरियावास ने कहा- सौगन्ध है बीजेपी कोर्ट जाएं

जयपुर। मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से प्रदेश के बोर्ड, निगमों और आयोगों में चेयरमैन को मंत्री का दर्जा देने के मामले पर सियासत गरमा गई है। प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने चेयरमैन को मंत्री का दर्जा देने को अवैधानिक बताते हुए कोर्ट में जाने की बात कही है। दूसरी तरफ सरकार ने भी बीजेपी के आरोपों पर पलटवार तेज कर दिया है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी नेताओं को बयानबाजी करने की बजाय कोर्ट जाना चाहिए। खाचरियावास ने कहा राजस्थान का बजट शानदार आया है।
जिस कारण बीजेपी विधायकों का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसलिए वह बौखलाहट में बजट से लोगों का ध्यान डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के मामले उछाल रहे हैं। उन्होंने कहा बीजेपी नेताओं को कसम है कि वह मंत्री दर्जा देने के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट जाएं। सरकार भी अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश करेगी। बीजेपी केवल बयानबाजी करती है, अपनी बात के इम्प्लीमेंटेशन का काम नहीं करती है। केवल मीडिया में छपने के लिए बीजेपी नेता ऐसे बयान देते हैं।

विपक्ष को कोर्ट जाना है तो कोर्ट खुले हैं
सरकार के उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने भी बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस आलाकमान, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजनीतिक नियुक्तियां सभी से सलाह मशविरा और बात करके की है। नियमों के तहत ही नियुक्तियां की गई हैं। विपक्ष को अगर कोर्ट जाना है, तो कोर्ट खुले हैं, विपक्ष के लोग जा सकते हैं। सरकार ने सभी नियुक्तियां देखकर और सोच विचार करके ही की हैं।

संविधान का हुआ उल्लंघन
बीजेपी की ओर से उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर रहा है कि कांग्रेस सरकार की ओर से राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले 3 नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देना संविधान के अनुच्छेद 164 (1A) के प्रावधान का सरासर उल्लंघन है। जिसके तहत राज्यों में मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी तक ही हो सकती है। जबकि हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट भी अपने कई फैसलों में ऐसी नियुक्तियों को संविधान के अनुच्छेद 164 (1A) के प्रावधान का उल्लंघन बताते हुए अवैध ठहरा चुके हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार संविधान के प्रावधानों को नहीं मान रहे हैं। कांग्रेस सरकार आंतरिक विद्रोह को दबाने के लिए अवैधानिक पदों की रेवड़ियां राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए बांटने का गलत काम कर रही है। सरकार राजस्थान के सरकारी खजाने पर सफेद हाथी बांधने का काम कर रही है। हम सरकार के इस असंवैधानिक फैसले की स्टडी कर हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

3 नेताओं को कैबिनेट और 27 को राज्यमंत्री का दर्जा
गहलोत सरकार ने 3 नेताओं- बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।

जबकि 27 नेताओं- मेवात क्षेत्रीय विकास बोर्ड अध्यक्ष जुबेर खान,राजस्थान स्टेट सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड अध्यक्ष धीरज गुर्जर, राजस्थान पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ , जन अभाव अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष पुखराज पाराशर, राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष जस्टिस भंवरू खान, राजस्थान राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज, समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष अर्चना शर्मा, वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष गोपालसिंह शेखावत ईड़वा, राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह जसौल ,मगरा क्षेत्रीय विकास बोर्ड अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत, राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष, के.सी. बिश्नोई, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत, राजस्थान राज्य पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सोलंकी, राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम अध्यक्ष राजीव अरोड़ा, बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष संदीप चौधरी, केश कला बोर्ड अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, राजस्थान युवा बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लाम्बा,घुमंतु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष उर्मिला योगी,सार्वजनिक प्रन्यास मंडल अध्यक्ष अनिल शर्मा,वंशावली संरक्षण और संवर्धन अकादमी अध्यक्ष रामसिंह राव, भूदान यज्ञ बोर्ड अध्यक्ष लक्ष्मण कड़वासरा, अंबेडकर पीठ अध्यक्ष मदन गोपाल मेघवाल, श्रीसांवलिया मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर , विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा,सेंटर फोर डवलपमेंट ऑफ वॉलंटरी सेक्टर अध्यक्ष मुमताज मसीह,एससी फाइनेंस एंड डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के शंकर यादव और ओबीसी फाइनेंस एंड डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के पवन गोदारा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है।