बजट बहस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने की बड़ी घोषणाएं, पढ़े पूरी खबर…
जयपुर। राजस्थान के वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट की बहस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में नए जिलों के गठन के लिए एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। यह कमेटी छह महीने में रिपोर्ट देगी। गहलोत ने कहा कि विधायकों ने बड़ी संख्या में नए जिलों की मांग पर ज्ञापन दिए हैं, अब गुण-अवगुण के आधार पर जिलों की मांग पर कमेटी का गठन होगा। गौरतलब है कि राजस्थान में 40 से ज्यादा विधायकों ने नए जिले बनाने की मांग की है और विभिन्न स्तर पर 50 नए जिले बनाने की मांग उठ रही है।
उन्होंने विपक्ष के कर्ज लेने के आरोपों को लेकर कहा कि कोई राज्य सरकार केंद्र की अनुमति के बिना कर्ज नहीं ले सकती है। भारत सरकार विभिन्न मापदंडों पर परखते हुए कर्ज लेने की अनुमति देती है। अपने भाषण में गहलोत ने घोषणा की कि हर विधानसभा क्षेत्र में 10 करोड़ की सड़कें बनेंगी, मरम्मत के लिए अलग से पैसा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट की 500 घोषणाओं में से 60 बजट घोषणाओं की स्वीकृतियां जारी हो चुकी हैं। नेता प्रतिपक्ष सवाल उठा रहे थे कि बजट घोषणाएं कैसे पूरी होंगी, जब हम चुनाव घोषणा पत्र की 70 फीसदी घोषणाएं 3 साल में पूरी कर सकते हैं तो बजट घोषणाओं को पूरा नहीं करेंगे क्या? उन्होंने कहा कि हमने हजारों लोगों से बजट पर राय ली है। समुद्र मंथन की तरह मंथन किया है, तब जाकर बजट में अमृत निकला है। हमारे बजट में विपक्ष के पास कहने को कुछ नहीं था, तभी उन्होंने काली वहू के ब्यूटी पार्लर जाने जैसा बयान दिया था। अच्छी बात है कि उन्होंने सबसे माफी मांग ली।
सवाल उठाने वाले खुद पेंशन से वंचित होते तब पता लगता
गहलोत ने कहा कि हो सकता है कर्जभार बढ़ने के डर से नई पेंशन लागू की हो, लेकिन इससे कर्मचारियों के भविष्य पर खतरा था, इसीलिए हमने पुरानी पेंशन को लागू किया। एक पुराने आईएएस अफसर ने आज लेख लिख है कि यह लागू करना गलत है। जिस आईएस अफसर ने लेख लिखा है कि यह योजना नहीं लागू होनी चाहिए, मैं पूछना चाहता हूं कि जब यह योजना लागू हुई तब पुराने और नए कर्मचारियों को एक साथ नई पेंशन से जोड़ते तो इस पर सवाल उठाने वालों काे पता लगता। इसमें भारी भेदभाव था। आधे कर्मचारी नई पेंशन के और आधे पुरानी पर। इतिहास वही बनाता है जो पुराने इतिहास को याद रखता है।
गहलोत की घोषणा
– कई गांवों में नए उपस्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे
– कुछ उपस्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत किए जाएंगे
– ई-व्हीकल पर अब 31 मार्च तक छूट बढ़ाई
– बूंदी जिले के बेगूं में नया उप परिवहन कार्यालय खुलेगा
– सहरिया, कथोड़ी जनजातियों को 200 दिन का रोजगार
– राजस्थान फाउंडेशन के और चैप्टर खुलेंगे, 10 करोड़ देने की घोषणा
– जोधपुर के ओसियां में इंडस्ट्रियल एरिया बनेगा
वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आपने वादा किया था कि नौकरी देंगे और नहीं तो बेरोजगारी भत्ता देंगे। इस घोषणा पर बच्चों ने आपको वोट दिए, लेकिन अब आप क्या कर रहे हो? उन बच्चों के साथ धोखा कर रहे हो। कटारिया ने कहा- आप ज्यादा फैलो मत, केवल 50 हजार वोट ही ज्यादा मिले हैं, 52 हजार तो कुल पोलिंग बूथ थे, इसलिए फैलने की जरूरत नहीं है। कटारिया के इस कमेंट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई मंत्री और सत्तपक्ष के विधायक हंस पड़े।
केंद्र राज्यों को पैसा नहीं दे रहा
गहलोत ने कहा- केंद्र सरकार डिविजिव पूल करा पैसा राज्य को समय पर नहीं दे रहा है। जितना पैसा राजस्थान को मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल रहा है। इस बार भी 19 हजार करोड़ रुपए कम दे रहा है। पिछली बार भी 15 हजार करोड़ कम दिए।
सरकार एक बार भी ओवर ड्राफ्ट में नहीं गई
गहलोत ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ उपनेता हैं, चार-पांच बार मंत्री रह लिए। आपने भैरों सिंहजी से ट्रैनिंग ली है, आपने कैसे कह दिया कि सरकार ओडी में चली गई। इन्होंने कह दिया कि सरकार ओवर ड्राफ्ट में चली गई। राजेंद्र राठौड़ में बोलने की अदा और कला है तो प्रभावित कर ही लेते हैं, कह दिया कि सरकार ओडी में चली गई। हमारी सरकार एक बार भी ओवर ड्राफ्ट में नहीं गई। केवल आरबीआई की सिफारिश के हिसाब से वेज एंड मींस के तहत पैसा लिया है, यह सस्ता पड़ता है।
ईआरसीपी को केंद्रीय परियोजना घोषित करवाने में बीजपी सहयोग करे
गहलोत ने कहा कि ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट(ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने में बीजेपी नेता सहयोग करें। हम साथ चलने को तैयार हैं। प्लीज, इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने में सहयोग करें। ईआरसीपी को भारत सरकार डिले करती है, तो हमने बजट में 9 हजार करोड़ का प्रावधान ईआरसीपी के लिए रखा है। आज हमने काम शुरू नहीं किया तो परियोजना की लागत 40 हजार करोड़ से ज्यादा हो जाएगी, जैसा रिफाइनरी के साथ हुआ।
बजट बहस के दौरान एक बार फिर नाथी का बाड़ा और REET धांधलियों की गूंज सुनाई दी। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और आमेर विधायक सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार ने पर्यटन को उद्योग को दर्जा दिया, यह तो अच्छी बात है। आमेर किला बड़ा पर्यटन स्थल है और हर दूसरा पर्यटक आमेर आता है। आमेर आने वाला हर पर्यटक पूछता है कि नाथी का बाड़ा कहां है, मुझे विजिट करके आना है।
गहलोत को शायराना जवाब, कहा- मंजिल तो मिल ही जाएगी भटकर ही सही
सतीश पूनिया ने सीएम के बजट में पढ़े गए शेर का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी बजट के वक्त शेरो-शायरी कर रहे थे। मेरा कहना है कि मंजिल तो मिल ही जाएगी भटकर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं। सीएम दो साल घर से ही नहीं निकले, ऑफिस तक नहीं गए। यहां आकर केंद्र को कोसना, बजट पर तालियां बजवाना अलग बात है। राजस्थान आर्थिक रूप से भारी कमजोर हो गया है।