May 13, 2024

आठवीं तक के 50 लाख बच्चों की पढ़ाई का बदलेगा पैटर्न, विभाग ने पूरी की तैयारी

जयपुर। राज्य में नए सत्र में कक्षा एक से आठवीं तक के करीब 50 लाख बच्चों की पढ़ाई का पैटर्न बदल जाएगा। कोरोना काल में हुए लर्निंग गैप को दूर करने के लिए विभाग एक जुलाई से ब्रिज कोर्स शुरू करेगा। स्कूलों में चार कालांशों में ब्रिज कोर्स से पढ़ाई कराई जाएगी।

तीन महीने बाद फिर सालभर तक दो कालांशों में यह कोर्स चलेगा। खास बात है कि कक्षाओं में लर्निंग लेवल के हिसाब से बच्चों के ग्रुप बनेंगे। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) ने वर्कबुक तैयार कराई है। इनमें दो पुरानी कक्षाओं की पाठ्यसामग्री शामिल की है। ब्रिज कोर्स में हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय पढ़ाया जाएगा। इसके तहत बच्चों की भाषायी और गणितीय दक्षता में सुधार लाया जाएगा।

दक्षता हुई कम
कोरोना काल में सरकारी स्कूलों के बच्चों में सीखने की रफ्तार धीमी हुई है। शिक्षा अधिकारियों का मानना है कि पांचवीं में पढ़ने वाले छात्र का पढ़ाई का स्तर तीसरी कक्षा के बराबर है। अधिकांश बच्चों की भाषीय और गणितीय दक्षता कम हो गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स तैयार किया है।
शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला के निर्देशानुसार बजट घोषणा की पालना कराई जा रही है। जुलाई से बच्चों को ब्रिज कोर्स पढ़ने को मिलेगा। इससे बच्चों का लर्निंग गैप दूर होगा।
प्रियंका जोधावत, निदेशक आरएससीईआरटी
कोरोना काल में हुए लर्निंग गैप को दूर करने के लिए ब्रिज कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। जुलाई से बच्चों को ब्रिज कोर्स पढ़ाया जाएगा।
गौरव अग्रवाल, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा विभाग