April 28, 2024

केंद्रीय मंत्री गडकरी की घोषणा राजस्थान में अटकी : 60KM के दायरे वाले 22 टोल बूथ हटाने पर मंत्रालय विचार कर रहा

जयपुर। देश में नेशनल हाइवे पर 60KM की दूरी पर एक से ज्यादा टोल हटाने की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा अब भी लागू नहीं हो सकी। राजस्थान में 22 ऐसे टोल प्लाजा है, जो इस घोषणा के तहत हटाए जा सकते है। लेकिन केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय अब विचार कर रहा है कि इन्हें हटाए तो हटाए कैसे? क्योंकि इनके हटने के बाद जो फाइनेंशियल घाटा हाइवे बनाने वाली कंपनियों को होगा उसकी भरपाई कैसे की जाएगी?
राजस्थान एनएचएआई के रीजनल ऑफिसर पवन कुमार ने बताया कि हमने उन टोल बूथों की रिपोर्ट मंत्रालय को भिजवा दी है, जो 60KM. के दायरे में आ रहे है। राजस्थान में 48 नेशनल हाइवे (NH) है, जिन पर 99 जगहों पर टोल वसूल होती है और इनमें से 22 ऐसे टोल बूथ है जो 60KM. के दायरे में आ रहे है।
आपको बता दें कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च में संसद में ये घोषणा की थी आने वाले 3 महीने के अंदर सरकार 60KM. के दायरे में आने वाले एक से ज्यादा टोल बूथाें को हटा देगी। इसके साथ ही टोल प्लाजा के आस-पास रहने वाले लोगों को पास जारी किए जाएंगे।

कंपनियों को आर्थिक नुकसान की भरपाई सबसे बड़ा मुद्दा
60KM. दायरे में आने वाले एक से ज्यादा टोल बूथों को अगर हटाया जाता है तो कंपनियों को इसका फाइनेंशियल नुकसान होगा। इसकी भरपाई कौन करेगा। क्योंकि वर्तमान में कई हाइवे ऐसे है, जो कनेक्टिंग है या ऐसे है जिनका काम अलग-अलग कंपनियों ने करवाया है। इसके अलावा कई हाइवे ऐसे हैं जिनका काम तो एक ही कंपनी ने किया है, लेकिन उन टोल रोड पर एक या उससे ज्यादा इंटरकनेक्टिंग रोड आ रही हैं। जहां से गाड़ियां उन टोल पर एंट्री-एग्जिट कर रही है। ऐसे में इन रोड पर एक से ज्यादा टोल बूथों पर दूरी के हिसाब से टोल वसूला जा रहा है। ऐसे में इन बूथों को हटाते हैं तो कंपनियों को आर्थिक नुकसान होगा, जिसे लेकर कंपनियां कोर्ट में भी जा सकती है।

टोल बूथ हटाना आसान नहीं
एनएचएआई सूत्रों की माने तो टोल बूथों को हटाना आसान नहीं होगा। क्योंकि कंपनियों को जो आर्थिक नुकसान उसकी भरपाई को लेकर सबसे बड़ी परेशानी आ रही है। ऐसे में अगर टोल बूथ हटाते भी है तो इसका आमजनता को सीधा कोई फायदा नहीं होगा। सूत्रों की माने तो एक बूथ हटाते है तो उस बूथ पर वसूल किया जाने वाला टाेल उस रूट पर अगले टोल बूथ से वसूल करना पड़ेगा।
उदाहरण के तौर पर पहले जयपुर-अजमेर एक्सप्रेस हाइवे पर बगरू टोल और किशनगढ़ टोल प्लाजा पर पूरा टोल टैक्स वसूला जाता था। अगर कोई गाड़ी चालक किशनगढ़ टोल पर पर्ची कटवाता था तो उसे बगरू टोल क्रॉस करने पर पैसे नहीं देने पड़ते थे। लेकिन बाद में लोगों का विरोध हुआ तो टोल की राशि को 60:40 में बांट दिया यानी जिस टोल से गाड़ी पहले क्रॉस करेगी वहां 60 फीसदी और बाकी दूसरे टोल पर 40 फीसदी राशि वसूल की जाती है। इससे उन लोगों को फायदा होने लगा था जो बगरू-किशनगढ़ के बीच ही सफर करते है।