April 26, 2024

माघ शुक्ल पूर्णिमा पर 31 जनवरी को साल का पहला खग्रास चन्द्रग्रहण होगा। ग्रहण शाम 5 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा, जो रात 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। ग्रहण काल कुल 3 घंटे 24 मिनट का रहेगा, हालांकि 01 घंटा 17 मिनट तक ग्रहण पूरा दिखाई देखा। ग्रहण का मध्यकाल शाम 7 बजे होगा। वहीं ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले सुबह 8 बजकर 18 मिनट से शुरू हो जाएगा। यह चन्द्रग्रहण पूरे देशभर में दिखाई देखा। एेसे में देशभर में इसका असर रहेगा। इस खग्रास चन्द्रग्रहण (पूर्ण चन्द्रग्रहण) को सम्पूर्ण भारत में देखा जा सकेगा। भारत के अधिकांश भागों में ग्रहण लगा हुआ चन्द्रमा ही दिखाई देना शुरू होगा। ग्रहण का मध्य और मोक्ष (समाप्त काल) पूरे भारत मे दिखाई देगा। जयपुर में चन्द्रोदय शाम 6 बजकर 01 मिनट पर होगा। सम्राट पंचांग के निर्माता चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि यह साल का पहला ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण होगा। जो खग्रास अर्थात पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इस ग्रहण का स्पर्श पुष्य नक्षत्र में होगा, वहीं अश्लेषा नक्षत्र में समाप्त होगा। इस प्रकार पुष्य व अश्लेषा दोनों नक्षत्रों के साथ कर्क राशि वाले जातकों को प्रभावित करेगा। ज्योतिषाचार्य नरोत्तम पुजारी ने बताया कि ग्रहण के समय मूर्ति स्पर्श, भोजन और नदी स्नान नहीं करने चाहिए। इस समय तुलसी व शमी वृक्ष को नहीं छूना चाहिए। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलें। सूतक काल के समय किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। सूतक काल में ध्यान , भजन और ईश्वर की आराधना करना श्रेष्ठ है। ग्रहण के समाप्त होने के बाद गंगाजल से घर का शुद्धिकरण करना चाहिए। भारत के अलावा उत्तर पूर्वी यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वोत्तर अफ्रीका, उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका आदि में यह ग्रहण दिखाई देगा। माघ शुक्ल पूर्णिमा पर 31 जनवरी को माघी पूर्णिमा स्नान भी होंगे। इस दिन राजराजेश्वरी ललिता देवी जयंती भी मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 30 जनवरी को रात 9.31 बजे शुरू होगी, जो 31 जनवरी को शाम 7.16 बजे तक रहेगी। इस दिन प्रयाग माघ मेला कल्पवास स्नान का समापन भी होगा।
ग्रहण एक नजर
अवस्था – समय
ग्रहण उपच्छाया प्रवेश – दोपहर 4.20 बजे
ग्रहण शुरू – शाम 5.15 बजे
पूर्णता शुरू – शाम 6.21 बजे
ग्रहण मध्य – शाम 7 बजे
पूर्णता समाप्त – शाम 7.38 बजे
ग्रहण समाप्त – रात 8.42 बजे
ग्रहण उपच्छाया अंत – रात 9.40 बजे