April 30, 2024

बीकानेर. छोटे व मध्यम वर्गीय रेस्तरां और कैफे एसोसिएशन ने शुक्रवार को अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर नमित मेहता एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में अवगत करवाया गया है कि कोविड-19 के पांच महीनों में उनका व्यवसाय बिल्कुल ठप पड़ा है फिर भी खर्चे, किराया, जीएसटी बिजली के बिल, स्टाफ की सैलेरी को वहन उन्होंने वहन किया। अब परिस्थितियां विकट हो गई, जिसके चलते कई कैफे और रेस्तरां बंद होने के कगार पर हैं। व्यवसायियों ने बताया कि अभी लॉकडाउन खुलने के बावजूद उनकी समस्या बरकरार है क्योंकि रात 8 से 10 और वीकेंड पर इन्हें अपने व्यवसाय भी बंद करने पड़ते हैं, जिसके कारण इनके व्यवसाय की कमर पूरी तरह टूट चुकी है।

व्यवसासियों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते जो उन पर पाबंदियां लगी है वो समय उनके व्यवसाय के लिए सबसे ज्यादा बिजनेस का समय है। व्यवसायियों ने बताया कि दूसरी ओर बड़े होटल्स एवं एमएनसी को राष्ट्रीय स्तर पर छूट मिली हुई है जिससे लोकल व छोटे रेस्तरां और कैफे के व्यवसाय पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। व्यवसायियों ने कलेक्टर से मांग की कि उन्हें रात्रि 8 से 10 और वीकेंड बंधन से छूट प्रदान की जाए ताकि वे अपने आप को संभाल सके और नुकसान की कुछ भरपाई कर सकें। बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने व्यवसायियों की मांग को सुनते हुए समस्या के समाधान के लिए आश्वासन दिया है। शिष्टमंडल में करण गौरी, लोकप्रिय कालरा, मानव पोपली, पंकज ओझा, प्रेम कुमार, गायत्री सिंह राठौड़ तथा ज्योति गौरी शामिल रही। इससे पहले 70 से ज्यादा रेस्तरां-कैफे व्यवसायी ने कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर अपनी बात रखी।