May 5, 2024

बीकानेर। अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मल एवं अशफाक उल्लाह ख़ां द्वारा जंगे आजादी के लिए किए गए महान् बलिदान, त्याग और समर्पण को नमन करते हुए गत वर्षो की भांति ही इस वर्ष भी उनकी महान् कुर्बानी एवं उनके महान् सृजनात्मक योगदान को स्मरण करते हुए प्रज्ञालय संस्थान एवं गरीब नवाज यूथ फैडरेशन द्वारा आगामी 19-20 दिसम्बर को दो दिवसीय ‘सरफऱोश कार्यक्रमÓ का आयोजन रखा गया है। कवि कथाकार कमल रंगा एवं शायर कासिम बीकानेरी ने बताया कि इस वर्ष का यह आयोजन जहां एक ओर उनके सृजनात्मक योगदान पर केन्द्रित रहेगा। वहीं दूसरी ओर हमारी सांझा संस्कृति और भाषायी समन्वय को समर्पित रहेगा। जिसका स्पष्ट कारण यह है कि इन महान् आजादी के पुरोधाओं ने हमें सांझा संस्कृति और भाषायी एकता का जो यह पाठ पढ़ाया और जो संदेश हमें दिया उसी महान् विरासत को आने वाली नई पौध तक ले जाना है। साथ ही इस बात को समझना है, कि जिस तरह बिस्मिल और खां दो शरीर होते एक आत्मा थे और दोनों के बीच हिन्दी और उर्दू भाषा का जो समन्वय था। ऐसी ही पावन भावना एवं परिवेश को आज और प्रगाढ करने की चुनोति हमारे सामने है। इसीलिए संस्था द्वारा पंडित रामप्रसाद एवं अशफाक उल्लाह के साथ काकोरी की अमर बलिदानी घटना जो 9 अगस्त 1925 को हुई थी। उसमें जिन जाबाजों ने देश हित में काम किया। उनको जो भी सजा मिली खासतौर से पंडित, खां के साथ राजेन्द्र लोहड़ी एवं ठाकुर रोशनसिंह उन्हें नमन किया जाएगा। साथ ही उनकी 16 अन्य जाबाजों को जो इस घटना से जुड़े हुए थे उन्हे भी सजा दी गई थी। उन्हें भी इस अवसर पर नमन व स्मरण किया जाएगा। कार्यक्रम प्रभारी संस्कृतिकर्मी शिवशंकर भादाणी ने बताया कि दो दिवसीय समारोह के पहले दिन भारत माता के इन महान् सपूतों द्वारा रचित कविता और शायरी का वाचन वरिष्ठ कवयित्री प्रमिला गंगल, मनीषा आर्य सोनी एवं शायर बुनियाद हुसैन जहीन और शायर इरशाद अज़ीज़ करेंगे। पहले दिन का कार्यक्रम स्थानीय नागरी भण्डार स्थित कला दीर्घा में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का दूसरा चरण 20 दिसम्बर को नालन्दा पब्लिक सी. सै. स्कूल स्थित सृजन परिसर में आयोजित होगा, जिसमें अमर शहीदों के सम्मान में सांझा सस्ंकृति और भाषायी एकता को केन्द्र में रखकर एक काव्य-संध्या का आयोजन रखा गया है। जिसमें नगर के विशेष आमंत्रित वरिष्ठ एवं युवा कवि शायर अपनी चर्चित और प्रतिनिधि रचनाओं का वाचन करेंगे।