May 8, 2024

गवाह को स्वर्गलोक-पाताललोक से ढूंढकर लाओ : एसएचओ को जज का आदेश चर्चा में, तलब के बाद भी पेश नहीं हुआ एएसआई

बूंदी। राजस्थान पुलिस के ASI की तलाश को लेकर जज (ैजूडिशियल मजिस्ट्रेट) का एक आदेश चर्चा में है। यह लेटर बूंदी जिले के केशवरायपाटन के सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कापरेन के SHO के नाम लिखा है। जज ने थाना अधिकारी को आदेश दिया है कि ASI भगवान सिंह को स्वर्गलोक से पाताललोक तक तलाश की जाए। दरअसल, केस में गवाही के लिए ASI की तलाश है। कई बार तलब करने के बाद भी वह गवाही के लिए नहीं गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह लेटर चर्चाओं में है। लेटर में मेंशन तारीख देखने पर 20 जून को जारी किया गया लगता है। जब इस बारें में कापरेन थानाधिकारी सुरेश गुर्जर से बात की तो उन्होंने ऐसे किसी लेटर की जानकारी होने से इनकार किया। कहा कि लेटर में बारे में पता करवा रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ASI भगवान सिंह का तबादला करीब 7 महीने पहले ही कोटा रेंज में हो गया था। इस बात की जानकारी थानाधिकारी को भी नहीं है कि इस समय भगवान सिंह कौन से थाने में तैनात है।

ये लिखा लेटर में
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लिखा कि गवाह भगवान सिंह, पुलिस थाना कापरेन में एएसआई के पद पर कार्यरत रहते हुए काफी पत्रावली में अनुसंधानकर्ता रहे हैं। उन पत्रावलियों में गवाह भगवान सिंह अंतिम साक्षी के रूप में अभियोजन की ओर से शेष है। कोर्ट में लगातार तलब किए जाने पर भी भगवान सिंह के उपस्थित नहीं होने से साक्ष्य अभियोजन लेखबंद नहीं हो सके हैं। पत्रावलियां 5 साल से ज्यादा पुरानी भी हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गवाह साक्ष्य के लिए 5 जुलाई की तारीख तय की है।

गैरहाजिर रह रहा है गवाह
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लिखा कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की ओर से 5 व 10 साल से पुराने मामलों में तेज गति से निरस्त/निस्तारण के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं। ऐसे में गवाह के लगातार न्यायालय में साक्ष्य के लिए अनुपस्थित रहने से पत्रावलियों की उम्र और प्रकरण को दृष्टिगत रखते हुए निर्देश है कि गवाह भगवान सिंह पुत्र समुंद्र सिंह को स्वर्गलोक से पाताललोक तक तलाश कर गवाही की तामील आवश्यक रूप से करवाए जाना सुनिश्चित करें, जिससे पत्रावालियों में समय पर साक्ष्य लेखबद्ध किए जा सकें। पुराने प्रकरणों में समयबद्ध निस्तारण किया जा सके। गवाह के वांछित सम्मन, जमानती वारंट व गिरफ्तारी वारंट पूर्व में आपको प्रेषित किए जा चुके हैं।