May 9, 2024

जेम्स बॉन्ड के कोड नेम पर लॉरेंस ने बनाई गैंग : पंजाब से जान बचाकर जोधपुर लाया था एक सरपंच, उसे ही बनाया पहला पार्टनर

जोधपुर। लॉरेंस के पाकिस्तान और हथियारों की सप्लाई का कनेक्शन सामने आने के बाद NIA एक्टिव हो गई है। मंगलवार को प्रदेश के 23 जगह पर लॉरेंस के ठिकानों और गुर्गों के यहां दबिश दी गई और सर्च ऑपरेशन चलाया गया। बताया जा रहा है कि लॉरेंस कई विदेशी हथियार अपनी गैंग तक पहुंचा रहा था।
NIA की इस कार्रवाई में टीम ने जोधपुर से 45 किलोमीटर दूर बालेसर के पास भाटेलाई गांव और जोधपुर की सबसे पॉश सोसायटी वीतराग सिटी में दबिश दी। ये ठिकाने गैंगस्टर और मोस्ट वॉन्टेड कैलाश मांजू के थे। कैलाश मांजू ही सबसे पहले लॉरेंस को जोधपुर लेकर आया था।
बताया जा रहा है कि लॉरेंस को जब जयपुर लाया गया, उससे पहले वह कैलाश मांजू के सीधे कॉन्टैक्ट में था।इसी के चलते मांजू एनआईए की टीम के रडार पर आया। जोधपुर में दो ठिकानों पर एनआईए का सर्च करीब 5 से 6 घंटे चला, लेकिन मांजू जोधपुर में अपने फ्लैट से 20 दिन पहले ही फरार हो चुका था।

कैलाश ने ही तैयार किया नेटवर्क
दरअसल, साल 2016-2017 के समय लॉरेंस पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में ज्यादा एक्टिव था। यहां दुश्मनी बढ़ने के कारण उसे अपनी जान का खतरा लग रहा था। कैलाश मांजू इस दौरान लॉरेंस के कॉन्टैक्ट में था। मांजू को जब इसके बारे में पता लगा तो वह लॉरेंस को जोधपुर ले आया।
जोधपुर में लॉरेंस को कुछ दिनों के लिए छिपा कर रखा गया। इसके बाद लॉरेंस ने रंगदारी और फिरौती का नेटवर्क शुरू किया। इस क्राइम बिजनेस में कैलाश मांजू लॉरेंस का पहला क्राइम पार्टनर बना। जब कैलाश लॉरेंस से जुड़ा तब वह भाटेलाई गांव का सरपंच था।
इसी बीच उन्होंने हथियारों की तस्करी का नेटवर्क शुरू किया। जब लॉरेंस का नाम होने लगा तो उससे जुड़े लोगों ने हॉलीवुड फिल्म सीरीज जेम्स बॉन्ड के कोड नेम 007 के नाम से गैंग बनाई।बताया जा रहा है कि इस गैंग का कैलाश मांजू से कोई लेना-देना नहीं है। बताया जा रहा है कि जोधपुर के आस-पास अब भी ये गैंग एक्टिव है और हथियारों का काम देखती है।

रंगदारी के नेटवर्क के बाद सरपंची छोड़ी
लॉरेंस ने 2017 में जोधपुर से रंगदारी और फिरौती का नेटवर्क बनाना शुरू किया। इस दौरान कैलाश मांजू का नाम हुआ करता था। वह पिता की साख पर सरपंच बना। कैलाश के पिता रामचंद्र भी सरपंच थे। वहां उसने अपनी सरपंची का गलत फायदा उठाना शुरू किया। पैसों के लालच व वर्चस्व की होड़ में वह लॉरेंस से जुड़ गया।
कैलाश ने ही जोधपुर के टॉप बिजनेसमैन और रसूखदारों की लिस्ट लॉरेंस को भेजी और रंगदारी मांगने का प्लान बनाया। इतना ही नहीं फायरिंग की प्लानिंग भी कैलाश ही करता था। 2017 में रातानाड़ा में एक बिजनेसमैन की हत्या के मामले में जब लॉरेंस को जोधपुर लाया गया तो पहली बार दोनों का कनेक्शन सामने आया था।

कैलाश मांजू के वह मुकदमे जिसमें वह लॉरेंस का सहयोगी था

कल्पतरु शॉपिंग सेंटर स्थित जैन ट्रैवल में फायरिंग का प्रयास।
पाल रोड पर समन्वय नगर में डॉक्टर के मकान व सेक्टर-7 में ट्रैवल मालिक के मकान में फायरिंग।
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शास्त्री नगर में हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी के बंगले पर फायरिंग।
सरदारपुरा सी रोड पर मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी के मर्डर में भूमिका।
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