May 5, 2024

राहुल की यात्रा से पहले भाजपा निकालेगी रथ यात्रा : सभी 200 विधानसभा में जाकर जनता को बताएंगे कांग्रेस सरकार की विफलताएं
जयपुर। राजस्थान में चुनाव भले ही अभी एक वर्ष दूर हो, लेकिन सियासी भिड़ंत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दिसंबर के प्रथम सप्ताह में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान पहुंचेगी, जिसे लेकर कांग्रेस उत्साह में है। भाजपा ने उसके उत्साह को भंग करने के लिए राहुल की यात्रा से पहले प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों रथ यात्रा निकालने का तय किया है। यह यात्राएं 17 नवंबर से 17 दिसंबर के बीच निकाली जाएंगी। यह वही समय होगा, जब राहुल प्रदेश के झालावाड़ जिले से प्रवेश कर सवाईमाधोपुर, दौसा, अलवर होते हुए हरियाणा की तरफ कूच करेंगे। कांग्रेस पार्टी प्रदेश में अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर जश्न मनाने की तैयारियां कर रही हैं।
भाजपा ने इसके लिए चार वरिष्ठ राजनेताओं के नेतृत्व में एक जन आक्रोश समिति भी गठित कर दी है। जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी और सांसद दीया कुमारी (राजसमंद) शामिल हैं। यह रथ यात्राएं सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में 7 से 10 दिनों तक निकाली जाएंगी। इस दौरान भाजपा अपने सभी 1100 मंडलों और 52 हजार मतदान बूथों को कवर करेगी। हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के जिलाध्यक्ष, वर्तमान विधायक, पूर्व भाजपा प्रत्याशी, पदाधिकारी, विभिन्न मोर्चों के सदस्य आदि शामिल होंगे।
6 दिसंबर को राजस्थान आएंगे राहुल
भाजपा इस रथ यात्रा को निकाल कर कांग्रेस सरकार की कथित विफलताओं को जनता के बीच प्रकट करना चाहती है। साथ ही वो राहुल की यात्रा के लिए जनता के बीच कोई सहानुभूति नहीं बनने देना चाहेगी। राहुल की यात्रा अभी आंध्रप्रदेश में है। छह दिसंबर को वे राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपाड़ा क्षेत्र से प्रवेश करेंगे।
भाजपा की जन आक्रोश समिति के सदस्य वासुदेव देवनानी ने बताया कि 200 विधानसभा में 200 रथ यात्राएं पार्टी को मजबूती देने वाली साबित होंगी। पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक उत्साह और विश्वास का संचार होगा। हमने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
शीर्ष नेता भी होंगे शामिल
आमेर (जयपुर) में विधायक स्वयं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया हैं। वे आमेर की रथ यात्रा में शामिल होंगे। प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी वे जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन (झालावाड़) में रथ यात्रा में शामिल होंगी। उन्हें भी अन्य क्षेत्रों में भी शामिल होना है। बहुत से विधायक उन्हें अपने क्षेत्र में बुलाना चाहते हैं। इनके अतिरिक्त विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित पूर्व मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह बाली, पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री अरूण चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री मदन दिलावर जैसे वरिष्ठ राजनेताओं सहित पार्टी के सभी सांसद और चारों केन्द्रीय मंत्री भी अपने-अपने क्षेत्रों में रथ यात्रा में शिरकत करेंगे। कोई भी विधायक, पूर्व प्रत्याशी या जिलाध्यक्ष किसी क्षेत्र विशेष में अगर किसी भी वरिष्ठ राजनेता को रथ यात्रा में बुलाना चाहेगा, तो बुला सकेगा।
कैसे होंगे रथ
पार्टी के लिए वातानुकूलित बसों को रथ के रूप में तैयार किया जाएगा। इनमें करीब 10 लोगों के बैठने, माइक, सजावट की व्यवस्था भी रहेगी। सभी रथों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीरों, केन्द्र सरकार की योजनाओं और भाजपा की नीतियों के पोस्टर चस्पा होंगे। यह रथ जहां-जहां से गुजरेंगे वहां लोगों को माइक और पोस्टर के जरिए भाजपा की नीतियों-उपलब्धियों को बताया जाएगा। बहुत से स्थानों पर रथ रूकेंगे, वहां छोटी-छोटी सभाएं भी होंगी। एक तय रूट चार्ट भी बनाया जा रहा है। सभाओं में लोगों को प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विफलताओं, बिगड़ती कानून व्यवस्था और बेरोजगारी के बारे में बताया जाएगा। समिति के मीडिया प्रभारी नीरज जैन ने बताया कि रथ यात्रा के विषय में जल्द ही पूरी कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

जयपुर में रथ यात्रा में एक साथ नजर आ सकते हैं सभी वरिष्ठ नेता
जयपुर चूंकि राजधानी है और यहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 19 विधानसभा सीटें हैं, जो जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, अजमेर, दौसा आदि लोकसभा सीटों में बंटी हैं। यहां रथ यात्राएं भव्य तरीके से निकाली जाएंगी। यहां निकलने वाली रथ यात्राओं में राजे, पूनिया, कटारिया, राठौड़ सहित सांसद दीया कुमारी व राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ भी एक साथ दिखाई दे सकते हैं।

भाजपा को रथ यात्रा देती है फायदा
राजस्थान में भाजपा ने वर्ष 2003 और 2013 में पूरे प्रदेश में रथ यात्राएं निकाली थी। दोनों बार भाजपा सत्ता से बाहर थी, लेकिन रथ यात्रा निकालने के बाद भाजपा चुनावों में रिकॉर्ड मतों से जीती। पार्टी ने 2003 में 200 में से 120 और 2013 में 200 में 163 सीटें हासिल की। यह राजस्थान में किसी भी पार्टी की अब तक की सबसे बड़ी जीत है। दोनों बार वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनी थीं। वर्ष 2013 में सुराज संकल्प यात्रा का रथ लोगों के बीच बहुत चर्चित हुआ था। इस रथ का राज्य भर में संचालन वर्तमान केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान से राज्य सभा के सांसद भूपेन्द्र यादव ने किया था। यादव इस वक्त गुजरात में पार्टी के चुनाव प्रभारी हैं।

आगामी टिकट का आधार भी बनेगी रथ यात्रा
भाजपा किसी भी स्थिति में अगले पूरे एक वर्ष तक चुनावी तैयारियां को ढीला नहीं पडऩे देना चाहती। इन रथ यात्राओं से वो जनता के बीच न केवल अपना प्रचार करेगी, बल्कि जनता की नब्ज भी भांपना चाहेगी। इस बीच पार्टी के जो लोग रथ यात्रा में बेहतर काम करेंगे, उनकी क्षेत्र में टिकट की दावेदारी भी मजबूत मानी जाएगी। पार्टी क्षेत्र में माहौल, समीकरण, मुद्दों, संभावित प्रत्याशी की छवि आदि की जानकारी भी लेगी। इससे पार्टी को एक वर्ष बाद टिकट बंटवारे का होमवर्क अभी से तैयार मिलेगा। जो लोग पार्टी के रथ यात्रा कार्यक्रम से अलग-थलग रहेंगे, गुटबाजी में शामिल होंगे या अपना कार्य प्रदर्शन कमजोर रखेंगे, उनकी भूमिका के बारे में पार्टी कुछ और विचार भी कर सकती है।