May 10, 2024

गुजरात में ब्रिज टूटा, 60 लोगों की मौत : मृतकों में 10 से ज्यादा बच्चे; 100 की कैपेसिटी वाले पुल पर जमा थे करीब 500 लोग

मोरबी। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब 6.30 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। मोरबी के पूर्व भाजपा विधायक कांति अमृतिया ने दावा किया है कि हादसे में अब तक 60 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। इनमें 10 से ज्यादा बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने सात लोगों की मौत और 70 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी है।
बता दें कि यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। हाल ही में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसके मरम्मत का काम पूरा किया गया था। दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते इस पर करीब 500 लोग जमा थे। यही हादसे की वजह बना।

PM मोदी ने की CM पटेल से बात की
हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने CM भूपेंद्र पटेल से घटना की जानकारी ली और मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। CM पटेल ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। मैं जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।
रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीमें लगीं घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौके पर मौजूद हैं। इसके अलावा ​​​​ कच्छ और राजकोट से तैराकों और 7 दमकल की टीमें रवाना की गई हैं। कंट्रोल रूम और हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। CM भूपेंद्र पटेल खुद मोरबी के लिए रवाना हो गए हैं।

140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।

100 लोगों की कैपेसिटी वाले ब्रिज पर जमा थे 400-500 लोग
सड़क एवं भवन विभाग मंत्री जगदीश पांचाल ने भास्कर से हुई बातचीत में कहा कि यह पुल नगर निगम के स्वामित्व में है। निगम के अधिकारियों से मेरी बात हुई तो उन्होंने बताया कि ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों के वजन सहन करने का है। लेकिन, रविवार की छुट्टी होने के चलते हादसे के वक्त ब्रिज पर 400 से 500 लोग जमा थे। इस तरह अगर हम एक व्यक्ति के औसतन वजन 60 किलो भी मान लें तो पुल पर 30 टन से ज्यादा का लोड था। इसी के चलते ब्रिज बीच में से टूट गया।

कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
इधर, हादसे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। इसके अलावा दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने भी घटना को दुखद बताया।

ओरेवा ग्रुप के पास है मेंटेनेंस का काम
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।