May 10, 2024

बीकानेर. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिसपोंसबिलिटी के तहत गोद लिए गए गुसाईसर गांव में मंगलवार को कोविड-19 जागरुकता शिविर आयोजित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय द्वारा गुसाईसर में जागरुकता अभियान सतत रूप से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण पूर्ण सावधानी बरतें। मास्क का उपयोग करें तथा सोशल डिसटेंसिंग रखें। साबुन से बार-बार हाथ धोने तथा कृषि संबंधी कार्यों के दौरान भी सरकार की एडवाजरी की पालना करने का आह्वान किया। कुलपति ने कहा कि सतत प्रयासों से गांव को कोरोना से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में भी रोटरी क्लब मरुधरा के सहयोग से मास्क, सेनेटाइजर और ग्लब्ज वितरित किए गए थे।
प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के तहत आदान वितरित

कुलपति ने प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के तहत किसानों को ग्वार और बाजरा के आदान वितरित किए। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा नवाचार करते हुए गुसाईसर में कृषि ज्ञान संसाधन केन्द्र स्थापित किया गया है। प्रत्येक महीने के तीसरे सोमवार को कृषि वैज्ञानिक दिनभर इस केन्द्र पर रहते हैं तथा किसानों की समस्याएं सुनकर इनके समाधान का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसान इसका भरपूर लाभ उठाएं। कृषि वैज्ञानिकों के संपर्क में रहें तथा समय-समय पर विश्वविद्यालय का भ्रमण करते हुए नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त करें।

बूंद-बूंद पानी बचाने का करें प्रयास
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिया गांव ‘आदर्श गांव’ बनें। देश भर में इसकी विशिष्ठ पहचान हो। किसान बूंद-बूंद पानी को बचाने का प्रयास करें। स्वच्छता का ध्यान रखा जाए। खेती की नई तकनीकें अपनाएं। महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने की दिशा में काम हों। बच्चों को पढ़ने और युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि गांव में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए विश्वविद्यालय द्वारा सतत प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए आवश्यकता के अनुसार राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से समन्वय किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने शीघ्र ही प्रशासन के साथ समन्वय बैठक करने की जानकारी दी।

तालाब का होगा जीर्णोद्धार
प्रो. सिंह ने कहा कि बरसाती जल संरक्षण एवं पारम्परिक जल स्त्रोतों का रखरखाव राज्यपाल एवं कुलाधिपति की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। इसके मद्देनजर विश्वविद्यालय द्वारा गुसाईसर के तालाब का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा, जिससे कि यहां के बरसाती जल का उपयोग ग्रामीण कर सकें। उन्होंने तालाब का अवलोकन किया तथा इसकी आगोर की जानकारी ली। उन्होंने इसके जीर्णोद्धार के लिए रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए।

सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर
विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. एस. के. शर्मा ने कहा कि गांव के सर्वांगीण विकास के लिए विश्वविद्यालय तत्पर है। इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर ग्रामीणों को पूर्ण सावचेत रहने की जरूरत है। मौजूदा परिस्थितियों में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय द्वारा आॅनलाइन माध्यमों का उपयोग भी किया जा रहा है।

प्रसार शिक्षा उपनिदेशक तथा कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. आर. के. वर्मा ने कहा कि खेती और पशुपालन की नई-नई तकनीकें किसान के खेतों पर पहुंचे तथा किसानों की आय में वृद्धि हो, विश्वविद्यालय इसी ध्येय के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं आवश्यकता के बारे में बताया।
क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डाॅ. एस. आर. यादव ने प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. दुर्गासिंह ने आभार जताया। इस दौरान डाॅ. बी. एस. मिठारवाल, डाॅ. मदन लाल सहित कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे।