April 28, 2024

जयपुर, राज्य पशु ऊंट के संरक्षण एवं उनकी जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ ऊंट पालक परिवारों की रोजगार वृद्धि के लिए विभिन्न विभागों को ऊंट के विकास और उनके पालन एवं संरक्षण के लिए कार्य योजना तैयार गई है। पशुपालक कल्याण बोर्ड के सचिव अनिल मच्या ने बताया कि रेगिस्तान की धरती की पहचान ऊंटों से संबंधित जानकारी प्रारम्भिक शिक्षा से ही बच्चों को दी जाने के लिए ऊंट से संबंधित बाल-उपयोगी कहानियों, उनका चित्रण एवं पाठ्यक्रमों में ऊंट से संबंधित अध्याय जोड़े जाने व राज्य पशु की पहचान बनाने के लिए शैक्षिणिक सामग्री का लेखन किया जाएगा।
पशुपालन विभाग द्वारा ऊंटों के प्रजनन की योजना को अधिक कारगर रूप से लागू कर ऊंटों का शत-प्रतिशत बीमा करना तथा घटती जनसंख्या को 3 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। पशुपालन कल्याण सचिव ने बताया कि राज्य पशु ऊंट के समुचित संरक्षण और उनकी खाल, बाल, दूध आदि से जुड़े परिवारों के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। उन्हें सस्ती दर पर ऋण, ऊंट के बाल क्रय करने वाली एजेंसियों को रियायती दर पर अनुदान दिया जाएगा, जिससे ऊंट की ऊन से बनने वाले वस्त्र उद्योग को प्रोत्साहन मिल सके।
अतिरिक्त राज्य पशु के रूप में ऊंट की पहचान प्रभावी बनाने के लिए पशु मेलों से संबंधित समाचार प्रकाशन, ऊंट की उपयोगिता संबंधित विषय सामग्री एवं लेखन को प्रोत्साहन के साथ-साथ बीमा नियामक आयोग भी ऊंट से संबंधित बीमों को प्रोत्साहन देगा तथा बीमा धारकों के प्रत्येक पशु के स्वास्थ्य का रक्षण व मुआवजा भी देगा। राज्य सरकार ने ऊंटों के प्रजनन को बढ़ाना देने के लिए पहले ही वर्ष 2016 में ऊंट प्रजनन प्रोत्साहन योजना आरम्भ की थी। सरकार के इन प्रयासों से रेगिस्तान का जहाज माना जाने वाले राज्य पशु ऊंट के संरक्षण, प्रजनन और जनसंख्या में समुचित वृद्धि होगी।